माटी वाली पाठ चार का सारांश??
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Explanation:
बूढ़ी ‘माटी वाली ‘ पूरे टिहरी शहर में घर-घर लाल मिट्टी बाँट रही होती है और उसी से उसका जीवन चलता है [घरो में लिपाई-पुताई में लाल मिट्टी काम आती है। एक पुराने कपड़े की गोल गद्दी सिर पर रखकर उस पर मिट्टी का कनस्तर रखे हुए वह घर-घर जाकर मिट्टी बेचती है ,उसे सारे शहर के लोग माटी वाली के नाम से ही जानते हैं।
Answer:
माटी वाली' कहानी टिहरी शहर की कहानी है। पुराने टिहरी शहर को बाँध के रास्ते में आने के कारण डूबो दिया गया था। यह उन लोगों की कहानी है, जिन्हें अपने पुरखों की धरोहर को त्यागना पड़ा। यह विस्थापन का वह दर्द है, जिसे हर टिहरीवासियों ने सहा था। लेखक ने इस दर्द को माटी वाली के द्वारा दर्शाया है। पूरे टिहरी में वह एकमात्र ऐसी स्त्री थी, जो घर-घर में माटी पहुँचाती थी। उसकी जीविका का साधन ही माटी खाना था। उससे भी उसका जीवन बड़ी मुश्किल से चलता था। परन्तु वह इसमें भी खुश थी। माटी वाली के पास कहने को कुछ नहीं था। उसका वृद्ध बीमार पति, उसकी टूटी हुई झोपड़ी और वह स्थान जहाँ से वह माटी लाती थी। ये सब उसके जीवन की अमुल्य धरोहरें थीं। पति की बीमारी और बुढ़ापे के कारण साथ छूट गया, उसका घर और माटीखाना टिहरी बाँध के कारण उससे छूट गया। पति के बाद वे ही उसके जीवन का आधार थे। उसके पास रोने के सिवाए अब कुछ नहीं बचा था। उसके दर्द को बाटने और समझने वाला भी कोई नहीं था। सिर्फ वह दर्द था, जो कभी न खत्म होने वाला था।