‘मातृ-वन्दना’ कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
Answers
Answer:
i dont know what is the meaning of u question
“मातृ-वंदना” कविता का केन्द्रीय भाव
“मातृ वंदना” कविता हिंदी के महान कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी’ द्वारा रचित की एक देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कविता है। निराला जी ने अपनी कविता मातृ वंदना के माध्यम से मातृभूमि भारत के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति भाव प्रदर्शित किया है। निराला जी ने अपने जीवन में स्वार्थ भाव तथा जीवन भर के परिश्रम से प्राप्त सारे फल मां भारती के चरणों में अर्पित करते हैं।
उनका संकल्प है कि जीवन में लाख कितनी भी बाधाएं आयें, कितने भी कष्ट आएं, दुखों का पहाड़ टूट पड़े लेकिन उन सभी को सहन करते हुए उन्हें अपने पराधीन जन्मभूमि मां भारती को स्वतंत्र कराना है। निराला जी ने इस कविता के माध्यम से हर भारतवासी को अपनी मातृभूमि के प्रति कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित किया है। कवि कहते हैं कि अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र करना और उसके सम्मान के लिए अपना सर्वस्तव अर्पण कर देना ही हर देशवासी का कर्तव्य है।