मृत्यु के कुछ समय पहले स्मृति बहुत साफ हो जाती है । किस पठित पाठ की पकित है
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हजारासिंह और अन्य लोगों के चले जाने के बाद घायल लहनासिंह वजीरासिंह की गोद में सिर रखकर लेट गया। उसे अपने जीवन की घटनाएँ याद आने लर्गी। उसे बचपन की बात याद आने लगी। वह बारह वर्ष का था और लड़की आठ वर्ष की थी। दोनों कई बार अचानक मिल जाते थे। वह कुड़माई के बारे में पूछता परन्तु आशों के विरुद्ध उत्तर सुनकर उसे निराशा हुई। कई वर्षों के बाद सूबेदार के घर उससे फिर मिलना हुआ। वह सूबेदार की पत्नी थी। उसने बचपन की घटना की याद दिलाई। पति और पुत्र दोनों लाम पर जाते हैं। उनकी रक्षा की भीख माँगी। फिर अपने आँगन में लगाए हुए आम के पेड़ की याद आई। चाचा-भतीजे बैठकर आम खायेंगे। इस प्रकार अनेक बातें उसे याद आ रही थीं। अन्तिम समय में पुरानी बातें याद आती ही हैं, यह स्वाभाविक ही है।
" मृत्यु के कुछ समय पहले स्मृति बहुत साफ हो जाती है " यह पंक्ति " उसने कहा था।" कहानी से ली गई है।
- "उसने कहा था" चन्द्र धर शर्मा गुलेरी रचित कहानी है, यह कहानी उनकी सर्वश्रेष्ठ कृति है, इस कहानी को मील का पत्थर माना जाता है।
- कहानी अमृतसर के बाम्बू कार्ट मार्केट से शुरू होती है जहां बहुत भीड़ थी। एक बालक लहना सिंह एक लड़की को तांगे के नीचे आने से बचाता है। लड़का 12 वर्ष का है व लड़की 8 वर्ष की है।
- दोनों एक ही दुकान पर आए थे, लड़का दही लेने आया था व लड़की बड़िया लेने आयी थी। लहना सिंह लड़की से पूछता है कि तेरी कुड़माई ही गई तो लड़की शरमा जाती है।
- कुछ वर्षों के बाद लाहनासिंह फौज में जमादार बन जाता है व अंग्रेजो की ओर से फ्रांस में लड़ाई पर जाता है। उनकी सेना का सूबेदार हजारा सिंह था।
- वह लहना सिंह को किसी काम से घर भेजता है तो सूबेदारनी लहनासिंह को पहचान जाती है, वह लहानासिंह से कहती है कि जिस प्रकार बचपन में मेरी जान बचाई थी इस बार भी मेरे पति व बच्चे बोधासिंह को तुम्हे बचाने का वचन देना होगा।
- युद्ध के मैदान में ठंड बहुत होने कर कारण बोधासिंह बीमार पड़ जाता है, लहना सिंह उसकी देखभाल करता है।
- वह अपना वचन निभाता है, अपनी जान की बाज़ी लगा देता है। मरते समय उसकी आंखो के सामने अपने जीवन की पूरी तस्वीर दिखाई देती है, उसे बचपन का बाज़ार वाला दृश्य याद आता है इसलिए यह कहा गया है कि मरने से कुछ समय पहले स्मृति बहुत साफ हो जाती है।