Science, asked by Ruthviks6549, 11 months ago

मृदा जल संरक्षण करते हैं-
(क) कुआँ खोदकर
(ख) तालाब खोदकर
(ग) नाला बनाकर ।
(घ) जुताई के बाद पाटा लगाकर

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Answered by rk2250297
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Explanation:सामान्य शब्दों में अपरदन से तात्पर्य मृदा एवं मृदा कणों के ऐसे विस्थापन और परिवहन से होता है, जो जल, वायु हिम या गुरुत्व (Gravity) बलों की सहायता से सम्पन्न होता है। मृदा अपरदन को सम्पन्न करने वाले इन बलों में से जल और वायु सबसे महत्त्वपूर्ण होते हैं। बाढ़ द्वारा बने मैदान और सागर तटीय मैदानों का निर्माण पर्वतों के अपक्षीय होने से होता है। पर्वतीय भागों के अपक्षीण होने की यह प्राकृतिक क्रिया निरंतर और मन्द गति से होती रहती है। यद्यपि यह क्रिया देखने में विनाशकारी नहीं लगती है तथापि इससे अपरदन होता रहता है। इसीलिये इसको प्राकृतिक अपरदन या भूगर्भीय अपरदन कहा जाता है। भूगर्भीय अपरदन मानव के कल्याण की दृष्टि से हानिकारक नहीं होता है और यह मानवीय नियंत्रण के परे होता है। इसके विपरीत, जब कभी प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाता है अर्थात मृदा अपरदन प्राकृतिक रूप से मृदा बनने की दर से अधिक होता है तो अपेक्षाकृत अधिक हानियाँ होती है। प्रकृति का संतुलन प्रायः बड़े पैमाने पर वनों की कटाई से, अधिक मात्रा में जुताई से और खेती के लिये या अन्य कारणों से भू-आकृतियों को समान बनाने से होता है। ऐसी अवस्थाओं में मृदा अपरदन की तीव्रता बहुत अधिक बढ़ जाती है।

Answered by neelimakotrike
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Answer:

a should be the answer

Explanation:

lots of water can be easily collected

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