मैथिलीशरण गुप्त जी के भावपक्ष एवं कलापक्ष का वर्णन
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मैथिली शरण गुप्त के काव्य में अधिकतर देशभक्ति की भावना प्रधानता से रही है। उन्होंने भारत के गौरवमयी इतिहास और भारतीय संस्कृति का बड़ी ओजस्वी पूर्ण शैली में वर्णन किया है। इसके अतिरिक्त उनके काव्य में सामान्य जनजीवन को भी पर्याप्त स्थान मिला है।
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