Hindi, asked by rohneechaursiya, 6 months ago

मैथिलीशरण गुप्त का नवम सर्ग​

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Answered by shalumishra13
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Answer:

शाखी फूल फलें यथेच्छ बढ़के, फैलें लताएँ हरी। मेरे जीवन का, चलो सखि, वहीं सोता भिगोता बहे। क्या क्या होगा साथ, मैं क्या बताऊँ?

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