Hindi, asked by aakritibhesra98, 7 hours ago

मुद मंगलकारी किसे औरकक्यो
कहा गया

है
उदाहरण सहित लिखिऐ​

Answers

Answered by bhatiamona
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यहां पर मुद मंगलकारी अनेक लोगों जैसे प्रह्ललाद, भरत, विभीषण, बालि, गोपियों आदि को कहा गया है। विनय के पद के माध्यम से तुलसीदास जी कहते हैं...

जाके प्रिय न राम बैदेही ।

तजिये ताहि कोटि बैरी सम, जदपि    प्रेम   सनेही ।।1।।

तज्यो पिता प्रहलाद, विभीषण बंधु , भरत महतारी ।

बलि गुरु तज्यो कंत ब्रज-बनित्नहिं , भए मुद-मंगलकारी।।2।।

तुलसीदास जी प्रभु श्री राम की भक्ति करने के लिए त्याग करने की प्रेरणा दे रहे हैं वह कहते हैं जिन्होंने त्याग किया, वह मुद मंगलकारी बने, अर्थात उनका  कल्याण हुआ। जैसे प्रह्लाद ने अपने पिता हिरण कश्यप का, विभीषण अपने भाई रावण का, भरत ने अपनी माँ कैकेई का, राजा बलि ने अपने गुरु का और ब्रज की गोपियों ने श्रीकृष्ण के प्रेम में अपने पतियों का परित्याग किया और उन्होंने अपने प्रियजनों को त्यागा और उनका कल्याण हुआ और वह मुद मंगलकारी बने। इसीलिए प्रभु श्रीराम से प्रेम का नाता जोड़ने के लिए त्याग करना आवश्यक है।

Answered by sumit45dt
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