Economy, asked by thfkz5275, 1 year ago

मुद्रा के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालें।

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Answered by bhatiamona
38

Answer:

मुद्रा एक ऐसी इकाई है जिसके माध्यम से किसी वस्तु का विनिमय किया जाता है और किसी वस्तु के क्रेता और विक्रेता के बीच आदान-प्रदान के मध्य मुद्रा एक माध्यम का कार्य करती है। वर्तमान समय में मुद्रा आर्थिक जगत में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

मुद्रा का आर्थिक महत्व इस प्रकार है...

बाजार व्यवस्था की धुरी — मुद्रा के कारण बाजारी व्यवस्था सरल एवं गतिशील बन गई है क्योंकि मुद्रा विनिमय का एक सरल माध्यम है। इसके कारण सभी लेनदेन सुचारू रूप से संपन्न हो जाते हैं।

आर्थिक विकास का मापक — मुद्रा किसी देश के आर्थिक विकास का आकलन करने के लिए एक सही व्यवस्था है। मुद्रा के कारण किसी देश की आर्थिक विकास की दर मापी जा सकती है।

श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण — आज के युग में बड़े पैमाने पर अनेक वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है। बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के कारण वस्तुओं की लागत में कमी आती है लेकिन बड़े स्तर पर उत्पादन श्रम विभाजन व्यवस्था कारण ही संभव हुआ है और श्रम विभाजन एवं विशिष्टकरण को बनाना बिना मुद्रा के संभव नहीं होता।

आर्थिक क्षेत्र में निर्णय की आजादी — मुद्रा ने उपभोक्ता और उत्पादन कर्ता दोनों को बाजार में अपनी स्वतंत्रता से निर्णय लेने में सक्षम बनाया है। उपभोक्ता जहां यह निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है कि उसे अपने लिए अपने द्वारा किए गए धन का अधिकतम लाभ मिले। वहीं उत्पादक कर्ता अपने वस्तु को इस तरह बेचने की कोशिश करता है कि उसे उचित लाभ प्राप्त हो।

निवेश का आधार — मुद्रा के कारण लोगों में बचत की प्रवृत्ति बनती है। लोग अपने भविष्य के लिए संचय करने को प्रेरित होते हैं।

सामाजिक प्रतिष्ठा का आधार — मुद्रा सामाजिक प्रतिष्ठा का एक मानदंड गयी है। जिसके पास जितनी अधिक मुद्रा होगी समाज में उतना ही धनी एवं प्रतिष्ठित माना जाता है।

Answered by sinhasanjay00005
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आर्थिक विकास का मापक — मुद्रा किसी देश के आर्थिक विकास का आकलन करने के लिए एक सही व्यवस्था है। मुद्रा के कारण किसी देश की आर्थिक विकास की दर मापी जा सकती है। श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण — आज के युग में बड़े पैमाने पर अनेक वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है।

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