Hindi, asked by pawanm2009, 2 months ago

मंदिर के बाहर के चित्र के चित्र वर्णन की लाइंस​

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Answered by krishnakkyadav11
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Answer:

मनुष्य को ईश्वर ने कल्पनाशक्ति का वरदान दिया है। किसी भी वस्तु, दृश्य या चित्र को देखकर उसके मन में अनेक भाव जन्म लेने लगते हैं। हर व्यक्ति का अपना एक अलग दृष्टिकोण होता है। अपने अनुभव के कारण किसी घटना व वातावरण के प्रति उसकी अपनी प्रतिक्रिया होती है। अपने इस अनुभव व प्रतिक्रिया को सशक्त व प्रभावशाली भाषा के माध्यम से व्यक्त कर पाना ही ‘चित्र वर्णन’ का उद्देश्य है। किसी चित्र को देखकर उससे संबंधित मन में उठने वाले भावों को अपनी कल्पनाशक्ति के माध्यम से अभिव्यक्त करना ही ‘चित्र-वर्णन’ कहलाता है।

वर्णन के लिए दिया गया चित्र किसी घटना को दर्शाने वाला, कोई एक पूर्ण स्थिति को व्यक्त करने वाला, किसी व्यक्ति विशेष का या प्रकृति से संबंधित हो सकता है। किसी भी चित्र का वर्णन करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

Explanation:

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