Business Studies, asked by siallen1948, 9 months ago

मुद्रा के दो आर्थिक दोष बताइए ।

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Answered by harshkumarambika
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1-मूल्य में अस्थिरता--मुद्रा का एक प्रमुख दोष इसके मूल्य में होनेवाले परिवर्तन है | मुद्रा के मूल्य में होनेवाली तीव्र एवं अचानक परिवर्तनों का हमारी अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है | इसके परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं के जीवन-स्तर, उद्योग तथा व्यापार में भी उतार-चढ़ाव उत्पन्न होते है | इससे समाज की अपार क्षति होती है |
2-आय और धन के वितरण में असामनता--मुद्रा के कारण समाज में संपत्ति का वितरण भी प्रवाहित होता है | उत्पादन के साधन कुछ ही लोगों के पास एकत्र हो जाते है जिससे समाज में आय और धन के वितरण की विषमता बढ़ती है | मुद्रा ने ही समाज को धनी और निर्धन, दो वर्गों में विभाजित कर दिया है |
3-व्यापार-चक्रों की उत्पत्ति--मुद्रा के प्रयोग से व्यापार के क्षेत्र में तेजी और मंदी की सृष्टि होती है, जिसे व्यापार-चक्र कहते है | व्यापार-चक्र के कारण बचत और विनियोग की मात्रा में होनेवाली परिवर्तन है | बचत तथा विनियोग दोनों ही मुद्रा से संबंधित है |
4-ऋणग्रस्तता में वृद्धि--मुद्रा ने उधार लेने और देने के कार्य को सरल बना दिया है | इससे लोगों को ऋण लेने में प्रोत्साहन मिलता है | परिणामस्वरूप, समाज में ऋणग्रस्तता की मात्रा में वृद्धि हुई है |



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