मुद्रा की उत्पत्ति तथा विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए ।
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प्राचीन काल से ही भारत एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक चेतना सम्पन्न सुसमृद्ध राष्ट्र रहा भारतीय इतिहास के स्रोतों के रूप साहित्य और पुरातत्त्व के साथ-साथ मौद्रिक साक्ष्य भी यहाँ के इतिहास उजागर करने में पूर्णरूपेण समर्थ इतिहास की एक शाखा, जो प्राचीन मुहरों एवं सिक्कों का अध्ययन करवाती मुद्राशास्त्र या नुमिस्मेटिक्स कहलाती भारतीय मुद्राशास्त्र एक महत्त्वपूर्ण स्रोत रूप में तत्कालीन सांस्कृतिक जीवनधार्मिक आदर्श, जीवन-मूल्य, आर्थिकसामाजिक-राजनैतिक दशाओं का ही नहींवरन् हमारी कलाओं, संगीत एवं काव्य विकास और अवस्थाओं की वाङ्मय व्याख्या देकर हमें अभिभूत कर देता है।यहाँ विभिन्न कालों में अनेक नृपति हुए हैं।जिनकी साहित्यिक और कलापक्षीय अभिरुचियाँ एवं संगीत से अप्रतिम प्रेमउनकी मुद्राओं पर भी अंकित मिलता है। मुद्राएँ स्वयमेव तो मुद्राशास्त्रीय कला सर्वोत्कृष्ट उदाहरण हैं ही, साथ-साथ प्राचीन भारतीय कला एवं प्रतिमाशास्त्र के अध्ययन की दृष्टि से भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं हैं।
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The answer which is given by Rohit is the right answer ... hope you will understand...