Economy, asked by sorbharaj1, 2 days ago

मुद्रा मूल्य
न 15 एक अर्थव्यवास्था की प्रमुख केन्द्रीय समास्याओं को समझाइये
अथवा
सकरात्मक तथा आदर्शात्मक अर्थशास्त्र में अतर बताइये।​

Answers

Answered by bhamaresanika2002
2

Answer:

1947 ई० (स्वतंत्रता-प्राप्ति के पश्चात्) में भारतीय अर्थव्यवस्था गतिहीन तथा पिछड़ी अर्थव्यवस्था थी। कृषि ही जीवन-निर्वाह का मुख्य साधन थी किंतु कृषि की अवस्था अत्यधिक दयनीय थी। अर्थव्यवस्था के द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्र अविकसित थे और देश की बहुत बड़ी जनसंख्या घोर निर्धनता का जीवन व्यतीत कर रही थी। अर्थव्यवस्था मुख्यत: माँग और पूर्ति की सापेक्षिक शक्तियों पर आधारित थी। जिसका परिणाम था-निर्धनता, असमानता एवं गतिहीनता। ऐसी अर्थव्यवस्था को बाजार की शक्तियों पर नहीं छोड़ा जा सकता है। अतः इन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए भारत ने ‘नियोजन’ का मार्ग अपनाया।

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