मुद्रा स्फीति में मौद्रिक नीति के क्या उपाय अपनाये जाते हैं?
Answers
Explanation:
विकसित देशों में, समय-समय पर जो मौद्रिक नीति उनके केंद्रीय बैंकों द्वारा घोषित की जाती है, उसका लक्ष्य मुद्रास्फीति की दर को निम्न स्तर पर बनाए रखना होता है। भारत और अन्य अनेक विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों के दो लक्ष्य होते हैं-मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और विकास को गति देना।
अत: भारतीय रिजर्व बैंक को हमेशा संतुलन का काम करना होता है। तीन-तीन महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा में विकास की गति में कोई बाधा पहुंचाएं बिना मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना होता है। यदि ऐसी कोई असामान्य स्थिति सामने आती है, जिसमें नीतिगत कार्रवाई की आवश्यकता होती है तो निश्चय ही, केंद्रीय बैंक हस्तक्षेप कर सकता है।
मुद्रा स्फीति में मौद्रिक नीति के उपाय
Explanation:
मौद्रिक नीतियां वह नीतियां होती हैं जिसके द्वारा सेंट्रल बैंक यानी RBI बैंक देश की अर्थव्यवस्था में मुद्रा स्फीति को पैसों की पूर्ति को नियंत्रण करके एक नियमित स्तर पर कायम रखता है।
1. ब्याज दरें
मुद्रास्फीति के समय RBI ब्याज दरों को बढ़ा देता है जिससे बाकी बैंक RBI से कम ऋण ले पाते हैं और आगे भी लोगो को कम ऋण दे पाते हैं। इस कारण अर्थव्यवस्था में पैसों की पूर्ति में कमी आती है, जिससे मुद्रास्फीति को एक नियमित स्तर पर लाकर रोका जा सकता है।
2. खुले बाजार की प्रक्रिया
खुले बाजार की प्रक्रियाओं से अर्थ है कि जब RBI सरकारी बोंड्स मार्केट में बेच देता है। जिससे मार्केट का पैसा RBI के पास आ जाता है, और अर्थव्यवस्था में पैसों की पूर्ति एक नियमित स्तर पर आ जाती है। मुद्रास्फीति को नियमित स्तर पर लाने में इससे सहायता मिलती है।