History, asked by rohitparte682, 3 months ago

मुद्रा शास्त्र से क्या अभिप्राय है​

Answers

Answered by aliarshan37091
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Answer:

सिक्कों के अध्ययन से है इसमें सिक्के पर मिलने वाले चित्र सिक्कों की धातु तथा लिपि का अध्ययन शामिल है

Answered by Rameshjangid
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Answer:

मुद्रा शास्त्र के अध्ययन से लोग देशों के बीच अर्थव्यवस्थाओं और उनके आर्थिक नेटवर्क को समझने में मदद मिलती है। इससे सरकार और राजनीति निर्णयों पर प्रभावी मुद्रा नीतियां बनाने में सक्षम होते हैं।

Explanation:

मुद्रा शास्त्र के द्वारा आर्थिक विज्ञान के मौलिक सिद्धांतों का अध्ययन किया जाता है। इसमें विभिन्न मुद्राओं एवं उनके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है जिससे आर्थिक वृद्धि और स्थिरता को सुनिश्चित करने के उपाय ढूंढे जा सकते हैं। मुद्रा शास्त्र में मुद्राओं के समाज और आर्थिक प्रभावों के अध्ययन के साथ-साथ राजनीतिक, सामाजिक, भौतिक एवं सांस्कृतिक प्रभावों को भी अध्ययन किया जाता है। मुद्रा शास्त्र का अध्ययन न केवल आर्थिक सुधार के लिए बल्कि भविष्य में आने वाली आर्थिक स्थिति को देखते हुए निवेश के लिए भी महत्वपूर्ण है।

मुद्रा में सामान्य स्वीकृति के गुण का होना बहुत जरूरी है यदि किसी वस्तु में सामान्य स्वीकार होने की विशेषता नहीं है तो उस 'वस्तु' को मुद्रा नहीं कहा जा सकता। इस प्रकार, मुद्रा से अभिप्राय कोई भी वह वस्तु है जो सामान्य रुप से विनियम के माध्यम, मूल्य के माप, धन के संचय तथा ऋणों के भुगतान के रुप में स्वीकार की जा सकती है।

इस अध्ययन से लोग देशों के अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रा नीति विकसित करने और व्यापार विकास को समझने में मदद मिलती है। मुद्रा शास्त्र के अध्ययन से लोग देशों के बीच अर्थव्यवस्थाओं और उनके आर्थिक नेटवर्क को समझने में मदद मिलती है। इससे सरकार और राजनीति निर्णयों पर प्रभावी मुद्रा नीतियां बनाने में सक्षम होते हैं।

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