CBSE BOARD X, asked by sanjaygautam95246, 4 months ago

मृदा विन्यास किसे कहते हैं यह कितने प्रकार का होता है वर्णन करे

Answers

Answered by ItzShrestha41
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Explanation:

इन कणों को बालू , सिल्ट एवं मृत्तिका कहते हैं । ये कण प्राय : आकार में गोलाकार होते हैं एवं मृदा में विभिन्न प्रकार से वितरित और सजे हुए होते हैं । " मृदा कणों के इस प्रकार के वितरण या सजावट को मृदा विन्यास या मृदा संरचना कहते हैं ।

Answered by shishir303
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मृदा विन्यास से तात्पर्य इस प्रक्रिया से होता है, जिसमें मृदा खनिज और चट्टानों के टूटने फूटने व उनके बारीक कारणों से बनती है। मृदा के बनने की प्रक्रिया ही मृदा विन्यास कहलाती है। खनिजों और चट्टानों के टूटने-फूटने जो कणों बनते हैं, वे बारीक कण बालू सिल्ट व मृतिका कहे जाते हैं। यह कण गोलाकार होते हैं। यह कण मृदा में अलग-अलग प्रकार से व्यवस्थित होते हैं। मृदा कणों के इस प्रकार के वितरण को ही मृदा विन्यास कहा जाता है।

मृदा विन्यास चार प्रकार का होता है...

  1. स्तम्भी मृदा विन्यास,
  2. तिर्यक यानी तिरछा मृदा विन्यास
  3. संहत यानी सघन मृदा विन्यास
  4. दानेदार यानि कणीय मृदा विन्यास

स्तम्भी विन्यास वाली मृदा मुलायम और भुरभुरी होती है। इस तरह की मृदा खेती के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।

तिर्यक मृदा विन्यास वाली मृदा में रंध्र कम होने के कारण यह खेती के लिए कम पैदावार वाली मृदा होती है।

सघन विन्यास वाली मृदा में जल और वायु का संचार बेहद कठिन होता है। इसी कारण यह भी खेती के लिए उपयुक्त नहीं है।

दानेदार यानी कणीय विन्यास वाली मृदा सर्वोत्तम है। यह चिकनी दोमट मृदा में पाई जाती है।

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