Hindi, asked by ayodhyaprasadv70, 4 months ago

मीठी वाणी बोलिए निबंध​

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Answered by PiyushSinghRajput1
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Answer:

वाणी मनुष्य को ईश्वर की अनुपम देन है। मनुष्य का भाषा पर विशेष अधिकार है। भाषा के कारण ही मनुष्य इतनी उन्नति कर सका है। हमारी वाणी में मधुरता का जितना अधिक अंश होगा हम उतने ही दूसरों के प्रिय बन सकते हैं। हमारी बोली में माधुर्य के साथ-साथ शिष्टता भी होनी चाहिए।

मधुर वाणी मनोनुकूल होती है जो कानों में पड़ने पर चित्त द्रवित हो उठता है। वाणी की मधुरता ह्रदय-द्वार खोलने की कुंजी है। एक ही बात को हम कटु शब्दों में कहते हैं और उसी को हम मधुर बना सकते हैं। वार्तालाप की शिष्टता मनुष्य को आदर का पात्र बनाती है और समाज में उसकी सफलता के लिए रास्ता साफ़ कर देती है। कटु वाणी आदमी को रुष्ट कर सकती है तो इसके विपरीत मधुर वाणी दूसरे को प्रसन्न भी कर सकती है।

हमारी वाणी ही हमारी शिक्षा-दीक्षा, कुल की परंपरा और मर्यादा का परिचय देती है। इसलिए हमें वार्तालाप में व्यापारिक बातचीत एवं निजी बातचीत में थोडा अंतर रखना चाहिए। वाणी किसी भी स्थिति में कटु एवं अशिष्ट नहीं होनी चाहिए।

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