‘मैं दक्षिण में दूर-दूर तक गया
और मुझे हमेशा माँ याद आई
दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था
होता छोर तक पहुँच पाना
तो यमराज का घर देख लेता
पर आज जिधर भी पैर करके सोओ
वही दक्षिण दिशा जाती है
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ अपनी दहकती आँखों सहित
विराजते हैं।'
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए
(i) कवि ने ऐसा क्यों कहा है कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं है?
(ii) कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है?
(iii) निम्न पक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
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i) बचपन से ही कवि के मन में यह अवधारणा बन गई थी कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से मृत्यु की प्राप्ति होती है। मृत्यु के भय से कवि का मन आजीवन आशंकित रहा। इसी कारणवश दक्षिण दिशा को लाँघना कवि के लिए संभव नहीं था।
ii)दक्षिण दिशा का आशय मृत्यु की दिशा से है परन्तु आज मनुष्य का जीवन कही सुरक्षित नही है। चारों और असंतोष, हिंसा और विध्वंसक ताकतें फैली हुईं हैं। सभ्यता के विकास की खतरनाक दिशा के कारण आज हर दिशा दक्षिण दिशा बन गई है।
ii)दक्षिण दिशा का आशय मृत्यु की दिशा से है परन्तु आज मनुष्य का जीवन कही सुरक्षित नही है। चारों और असंतोष, हिंसा और विध्वंसक ताकतें फैली हुईं हैं। सभ्यता के विकास की खतरनाक दिशा के कारण आज हर दिशा दक्षिण दिशा बन गई है।
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(1 ) यहाँ दक्षिण सूचक है, मृत्यु के संकट का और भय का और असुर प्रवर्ति का । इसलिए कवि का कहना है की दक्षिण का लांघ पाना संभव नहीं हैं ।
(2) वर्तमान में सर्वत्र अराजकता , खौफ और बदहाली का माहौल है । जीवन पर मृत्यु का संकट मंडराता है अतः हर दिशा दक्षिण दिशा है ।
(2) वर्तमान में सर्वत्र अराजकता , खौफ और बदहाली का माहौल है । जीवन पर मृत्यु का संकट मंडराता है अतः हर दिशा दक्षिण दिशा है ।
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