मंदर्भ सहित गद्यांशों की साप्रसंग व्याख्या कीजिए : उसकी ही उम्र अभी क्या थी । छत्तीसवां ही साल तो थो , पर सारे बाल पक गए थे , चेहरे पर झुर्रियाँ पड़ गई थीं । सारी देह इल गई थी , वह सुंदर गेहुआं रंग सँवला गया था और आँखों से भी कम सूझने लगा था । पेट की चिंता ही के कारण तो । कभी तो जीवन का सुख न मिला । इस चिरस्थायी जीर्णावस्था ने उसके आत्म - सम्मान को उदासीनता का रूप दे दिया था । जिस गृहस्थी में पेट की रोटियाँ भी न मिलें , उसके लिए इतनी खुशामद क्यों ?
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