Hindi, asked by bikooiriiruruuryryru, 4 months ago

मेध रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?​

Answers

Answered by MissLuxuRiant
20

\huge{\underline{\underline{\boxed{\sf{\purple{Answer ࿐}}}}}}

मेघ के आने से बयार चलने लगी। पेड़ झुकने लगे। आँधी और धूल चलने लगी, नदी बाँकी होकर बहने लगी। बूढे पीपल झुकने लगे। लताएँ पेड़ की ओट में छिपने लगीं। तालाब जल से भर उठे। आकाश में मेघ छा गए। अंत में धारासार वर्षा हुई।

मेहमान (दामाद) के आने पर गाँव की कन्याएँ और युवतियाँ प्रसन्न हो उठीं। लोग अपने खिड़की-दरवाजे खोलखोलकर उन्हें निहारने लगे। आते-जाते लोग उन्हें गरदन उठाकर देखने लगे। नवयुवतियों ने पूँघट सरकाकर उन्हें निहारा। बूढी स्त्रियाँ विनम्रतापूर्वक उनका स्वागत करने लगीं। अतिथि की प्रिया मान करने लगी। फिर अचानक वह क्षमा माँगने लगी। दोनों की आँखों से प्रेमाश्रु बह चले।

Answered by ItzDazzingBoy
3

Answer:

मेघ के आने से बयार चलने लगी। पेड़ झुकने लगे। आँधी और धूल चलने लगी, नदी बाँकी होकर बहने लगी। बूढे पीपल झुकने लगे। लताएँ पेड़ की ओट में छिपने लगीं। तालाब जल से भर उठे। आकाश में मेघ छा गए। अंत में धारासार वर्षा हुई।

मेहमान (दामाद) के आने पर गाँव की कन्याएँ और युवतियाँ प्रसन्न हो उठीं। लोग अपने खिड़की-दरवाजे खोलखोलकर उन्हें निहारने लगे। आते-जाते लोग उन्हें गरदन उठाकर देखने लगे। नवयुवतियों ने पूँघट सरकाकर उन्हें निहारा। बूढी स्त्रियाँ विनम्रतापूर्वक उनका स्वागत करने लगीं। अतिथि की प्रिया मान करने लगी। फिर अचानक वह क्षमा माँगने लगी। दोनों की आँखों से प्रेमाश्रु बह चले।

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