History, asked by om2663126, 5 months ago

माध्यम भाषा में अनुवाद करो श्रुति तानिया राजेश ई​

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Answered by surjeetsingh44832
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Answer:

और चिड़िया भी उसे हमारी भाषा ने ही कहा

भाषा ही ने दिया उस पेड़ को एक नाम

पेड़ हमारी भाषा से परे सिर्फ एक पेड़ था

और पेड़ भी हमारी भाषा ने ही कहा उसे

इसी तरह वे असंख्य नदियां झरने और पहाड़

कोई भी नहीं जानता था शायद

कि हमारी भाषा उन्हें किस नाम से पुकारती है

उन्हें हमारी भाषा से कोई मतलब न था

भाषा हमारी सुविधा थी

हम हर चीज को भाषा में बदल डालने को उतावले थे

जल्दी से जल्दी हर चीज़ को भाषा में पुकारे जाने की ज़िद

हमें उन चीज़ों से कुछ दूर ले जाती थी

कई बार हम जिन चीज़ों के नाम जानते थे

उनके आकार हमें पता नहीं थे

हम सोचते थे कि भाषा हर चीज़ को जान लेने का दरवाज़ा है

इसी तर्क से कभी कभी कुछ भाषाऍं अपनी सत्ता कायम कर लेती थीं

कमज़ोरों की भाषा कमज़ोर मानी जाती थी और वह हार जाती थी

भाषाओं के अपने अपने अहंकार थे

पता नहीं पेड़ों, पत्थरों, पक्षियों, नदियों,

झरनों, हवाओं और जानवरों के पास

अपनी कोई भाषा थी कि नहीं

हम लेकिन लगातार एक भाषा उनमें पढ़ने की कोशिश करते थे

इस तरह हमारे अनुमान उनकी भाषा गढ़ते थे

हम सोचते थे कि हमारा अनुमान ही सृष्टि की भाषा है

हम सोचते थे कि इस भाषा से

हम पूरे ब्रह्मांड को पढ़ लेंगे

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