माध्यम से कौन-कौन सेतीति-विपक
मूल्म उभर कर मार
"साँवले सपनों की याद मीकि की
सार्थकता को स्पष्ट कीजिय
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hii mate
- "साँवले सपनों की याद" एक रहस्यात्मक शीर्षक है।
- यह रचना लेखक जाबिर हुसैन द्वारा अपने मित्र सलीम अली की याद में लिखा गया संस्मरण है।
- साँवले सपने" मनमोहक इच्छाओं के प्रतीक हैं।
- ये सपने प्रसिद्ध पक्षी-प्रेमी सलीम अली से संबंधित हैं।
- सलीम अली जीवन-भर सुनहरे पक्षियों की दुनिया में खोए रहे।
- वे उनकी सुरक्षा और खोंज के सपनों में खोए रहे।
- ये सपने हर किसी को नहीं आते। हर कोई पक्षी-प्रेम में इतना नहीं डूब सकता।
- इसलिए आज जब सलीम अली नहीं रहे तो लेखक को उन साँवले सपनों की याद आती है जो सलीम अली की आँखों में बसते थे।
- ये शीर्षक सार्थक तो है किन्तु गहरा रहस्यात्मक है। चन्दन की तरह घिस-घिस कर इसके अर्थ तथा प्रभाव तक पहुँचा जा सकता है।
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