माधव इतना कामचोर था कि आधे घंटे काम करता तो घंटे भर चिलम पिता । कहीं मजदूरी नहीं मिलती थी।.घर मे मुठ्ठीभर भी अनाज मौजूद हो तो उनके लिए काम करने की कसम थीं । जब दो चार फांके हो जाते थे,तो घीसू पेड़ पर चड़कर लकडिया तोड़ लाता और माधव बाजार से बेच लाता और जब तक पैसे रहते दोनों इधर उधर मारे फिरते ?
Answers
Answered by
3
Explanation:
माधव इतना कामचोर था कि आधे घंटे काम करता तो घंटे भर चिलम पिता । कहीं मजदूरी नहीं मिलती थी।.घर मे मुठ्ठीभर भी अनाज मौजूद हो तो उनके लिए काम करने की कसम थीं । जब दो चार फांके हो जाते थे,तो घीसू पेड़ पर चड़कर लकडिया तोड़ लाता और माधव बाजार से बेच लाता और जब तक पैसे रहते दोनों इधर उधर मारे फिरते ?माधव इतना कामचोर था कि आधे घंटे काम करता तो घंटे भर चिलम पिता । कहीं मजदूरी नहीं मिलती थी।.घर मे मुठ्ठीभर भी अनाज मौजूद हो तो उनके लिए काम करने की कसम थीं । जब दो चार फांके हो जाते थे,तो घीसू पेड़ पर चड़कर लकडिया तोड़ लाता और माधव बाजार से बेच लाता और जब तक पैसे रहते दोनों इधर उधर मारे फिरते ?
Similar questions