माधव दास ने अंत में चिड़िया को कैसे पकड़ना चाहा क्लास सेवंथ एनसीआरटी बुक
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माधवदास की बड़ी संगमरमर की कोठी, सुंदर बगीचा, रहने के ठाठ-बाट, चिड़िया को कहना कि तेरा सोने का पिंजरा बनवा दूंगा, मेरे पास ढेर सोना, कई कोठियाँ, बगीचे व दास-दासियाँ हैं-दर्शाता है कि उसका जीवन संपन्नता से परिपूर्ण था।
उसका अपने आप में यह सोचना कि सब कुछ प्राप्त करके भी जीवन में खालीपन है। पूरे घर में उसका. अकेले रहना, चिड़िया को अपने बगीचे में रहने के लिए मजबूर करना ताकि सुंदर चिड़िया को बार-बार देख सके व उसका चहचहाना सुन सके-दर्शाता है कि इतनी सुख-सुविधाएँ होने पर भी वह सुखी नहीं था
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Explanation:
काफ़ी प्रयासों के बाद जब चिड़िया माधवदास के लोभ लालच में न आई तो उसने उसे अपनी बातों में उलझा लिया। उससे लगातार बातें करते हुए अपने नौकर को संकेत करके उसे पकड़वाना चाहा लेकिन चिड़िया कठोर स्पर्श पाते ही उड़ गई।
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