Hindi, asked by djg15333, 19 days ago

माधव दास दिन में गर्मी ढलने के बाद बाहर कहाँ बैठते थे और क्यों?​

Answers

Answered by ravishankar26483
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Answer:

Answer: माधवदास संध्या के समय कोठी के बाहर-चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे एक गलीचे पर बैठते थे और प्रकृति की छटा निहारते थे। ... Answer: रोज संध्या के समय जब दिन में गरमी ढल जाती है और आसमान में कई रंग हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर घंटों बैठते थे।

Answered by cutegirl1541984
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माधवदास संध्या के समय कोठी के बाहर-चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे एक गलीचे पर बैठते थे और प्रकृति की छटा निहारते थे। रोज संध्या के समय जब दिन में गरमी ढल जाती है और आसमान में कई रंग हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर घंटों बैठते थे...

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