Hindi, asked by babulalpal65824, 4 months ago

माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं
को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नज़र में चिड़िया की
ज़िद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर
क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए।​

Answers

Answered by abhinavsinha8764
26

Answer:

माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं

को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नज़र में चिड़िया की

ज़िद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर

थे।

Explanation:

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