Hindi, asked by kabitamondal5847, 4 months ago

माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं
को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नजर में चिड़िया की
ज़िद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर
क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए।
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Answered by Anonymous
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Answer:

माधवदास चिड़िया से बार-बार इसलिए कहता है क्योंकि उसे चिड़िया बहुत सुंदर और प्यारी लगी। वह चाहता है कि वह चिड़िया सदा के लिए बगीचे में रह जाए। यही कारण है कि बार-बार यह बात दुहराता है कि बगीचा तुम्हारा ही है।

माधवदास का ऐसा कहना पूरी तरह से निस्स्वार्थ मन से नहीं था। वह चिड़िया को महल में पिंजरे में बंद करके रखना चाहता था ताकि अपनी इच्छा से उसकी सुंदरता को निहार सके और उसका चहचहाना सुन सके।

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