Hindi, asked by sumitraj119, 1 month ago

माधवदास क्या सोच रहे थे​

Answers

Answered by mayanksaha9125
1

Answer:

माधवदास चिड़िया को तरह-तरह के लालच दे रहे थे परंतु चिड़िया को उसकी बातें समझ में नहीं आ रही थी। वह मनुष्य को स्वार्थ को नहीं समझ पा रही थी। माधव दास के लिए संसार के वैभव बहुत महत्व। वह सोचते थे कि वह किसी को भी कोई लालच देकर अपने वश में कर सकते हैं। सभी लोगों को सांसारिक चीजों की तृष्णा रहती है इसलिए वह लालच में फंसकर कुछ भी करने लग जाते हैं। माधवदास ने चिड़िया के लिए भी ऐसा ही सोचा था कि वह उनके दिए लालच में फस जाएगी।

चिड़िया माधव दास के दिए लालच को समझ नहीं पाती है। वह एक छोटी चिड़िया है। उसे दुनियादारी की समझ नहीं है। उसके लिए उसकी मां ही सब कुछ है। मां के बिना वह रहने की सोच भी नहीं सकती है। सेट के मोती से उसे मां का लाया चुग्गा अधिक पसंद है। उसके पास धूप, हवा, पानी ,फल ,सब कुछ है उसको कुछ नहीं चाहिए।

Explanation:

Answered by krishnapriyakarumudi
1

Answer:

Explanation:

माधवदास चिड़िया को तरह-तरह के लालच दे रहे थे परंतु चिड़िया को उसकी बातें समझ में नहीं आ रही थी। वह मनुष्य को स्वार्थ को नहीं समझ पा रही थी। माधव दास के लिए संसार के वैभव बहुत महत्व। वह सोचते थे कि वह किसी को भी कोई लालच देकर अपने वश में कर सकते हैं। सभी लोगों को सांसारिक चीजों की तृष्णा रहती है इसलिए वह लालच में फंसकर कुछ भी करने लग जाते हैं। माधवदास ने चिड़िया के लिए भी ऐसा ही सोचा था कि वह उनके दिए लालच में फस जाएगी।

चिड़िया माधव दास के दिए लालच को समझ नहीं पाती है। वह एक छोटी चिड़िया है। उसे दुनियादारी की समझ नहीं है। उसके लिए उसकी मां ही सब कुछ है। मां के बिना वह रहने की सोच भी नहीं सकती है। सेट के मोती से उसे मां का लाया चुग्गा अधिक पसंद है। उसके पास धूप, हवा, पानी ,फल ,सब कुछ है उसको कुछ नहीं चाहिए।

Similar questions