Hindi, asked by ajayjha10803, 1 month ago

मैया मोरी, मैं नहिं माखन खायो,
भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहिं पठायो।
चार पहर बंसीबट भटक्यो, सांझ परे घर आयो।।
मैं बालक बहियन को छोटो, छीको किहि बिधि पायो।
ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो।।
तू जननी मन की अति भोरी, इनके कहि पतियायो।
जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो।
यह लै अपनी लकुटि-कमरिया, बहुतहिं नाच नचायो।
'सूरदास' तब बिहसि जसोदा, लै उर कंठ लगायो।। येह कौं सा भाषा मे है​

Answers

Answered by rk4431vidyagyanin
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braj bhasha hai

mark me brainlist

Answered by ranijoshi672008
0

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nice bro.

!! Jai khanaji !!

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