Hindi, asked by mouryadeepak386, 7 months ago

मियां नसीरुद्दीन के व्यक्तित्व और चरित्र की विशेषताओं को स्पष्ट कीजि

'गलता लोहा पाठ के आधार पर मोहन के चरित्र पर प्रकाश डालिए।​

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Answered by shishir303
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मियाँ नसीरुद्दीन के व्यक्तित्व और चरित्र की विशेषताएं...

मियाँ नसीरुद्दीन का चरित्र बड़ा ही दिलचस्प और रोचक है। एक ऐसे कलाकार माने जा सकते हैं जिनकी कला-कौशल उनके साथ ही लुप्त होने के कगार पर है। वह अपने पारंपरिक-पारिवारिक पेशे में बड़े माहिर हैं। उनकी बात करने का अंदाज भी बड़ा ही दिलचस्प और निराला है। यदि उनसे कोई कुछ सवाल पूछता है तो बदले में वो ही सवाल पूछने लगते हैं और किसी भी सवाल का जवाब बड़ा ही घुमा-फिरा कर देते हैं।

वह अपने क्षेत्र में खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। वे खुद को दार्शनिक भी समझते हैं और खुद को सुकरात से कम नहीं समझते हैं। बहुत बोलते भी हैं। पर वे काम से बड़े मेहनती हैं और उनकी मेहनतकशी अनुसरण करने योग्य है। उनकी आंखों में चालाकी भी है, भोलापन भी है। उनके माथे पर यह हुनरमंद कारीगर की तरह के तेवर दिखाई देते हैं। वक्त की मार के साथ वे स्वयं को बढ़ा खानदानी व्यक्ति समझते हैं और उसके लिए तरह-तरह के उदाहरण भी देते हैं।

‘गलता लोहा’ पाठ के आधार पर मोहन का चरित्र चित्रण...

‘गलता लोहा’ पाठ में मोहन कहानी का मुख्य पात्र है। वह एक ब्राह्मण जाति का है, गाँव के पुरोहित का बेटा है। वह एक स्कूल में पढ़ता है और उसकी धनराम लोहार नाम के लड़के से दोस्ती है। ऊंची जाति का होने के बावजूद निम्न जाति के धनराम लोहार के साथ जातिगत भेदभाव भूलकर दोस्ती कायम रखता है। वह पढ़ने में अत्यंत मेधावी छात्र है, जो अपने गाँव के स्कूल में सबसे मेधावी छात्र रहा था। गाँव के स्कूल के मास्टर त्रिलोक सिंह ने भविष्यवाणी कर दी थी कि वह एक दिन स्कूल का नाम रोशन करेगा। लेकिन मोहन जब शहर गया तो वहाँ पर उसके रिश्तेदार रमेश ने उसका जीवन बर्बाद कर दिया। उसके रिश्तेदार ने उसे घर के काम में लगा दिया। इस कारण मोहन शहर के स्कूल में अपना समय नहीं दे पाया और स्कूल में वह पिछड़ता गया। इस तरह एक मेधावी छात्र का जीवन नष्ट हो गया।

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