मियाँ नसीरुद्दीन सचमुच प्रतिभाशाली कलाकार हैं कथन को प्रमाणित कीजिए |
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Explanation:
मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा इसलिए कहा गया है क्योंकि वह अपने मसीहाई अंदाज से रोटी पकाने की कला का बखान करता है तथा इसमें वह अपनी खानदानी महारत बताता है । नानबाई रोटी बनाने की कला में माहिर है । अन्य नानबाई रोटियाँ तो पकाते हैं, पर मियाँ नसीरुद्दीन अपने पेशे को कला मानता है ।
उत्तर:
मियां नसरुद्दीन की सच्ची कलाकारी की प्रतिभा, उनकी कला के प्रति तन्मयता और इमानदारी से प्रमाणित होती है।
व्याख्या:
मियां नसरुद्दीन की कहानी कृष्णा सोबती के कहानी संग्रह 'हम हशमत' से ली गई है जिसमें वे नानबाई मियां नसरुद्दीन का वर्णन बड़े ही मनोरंजक ढंग से करती हैं। नसरुद्दीन नानबाई है जो रोटी नान बनाने का कार्य करते हैं। मियां नसरुद्दीन की नजर में नान बनाना भी एक कला है और वे स्वयं को एक सच्चा कलाकार मानते हैं।
सच कहा जाए तो मियां नसरुद्दीन एक सच्चे कलाकार भी थे क्योंकि सच्चे कलाकार की सबसे बड़ी निशानी होती है कि वह अपने कार्य के प्रति पूर्ण रूप से तन में और समर्पित रहता है। उसके लिए उसका कार्य एक पूजा के समान होता है। मियां नसरुद्दीन को भी अपने कार्य पर गर्व था और वह हर एक नाम पूरी ईमानदारी और लगन से बनाते थे।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि मियां नसरुद्दीन एक सच्चे और प्रतिभाशाली कलाकार थे।
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