मायाराम जी को स्वर की अनुभूति कहां और कैसे होती है और क्यों होती है?
Answers
Answered by
1
Answer:
मायावाद का शंकर के अद्वेत वेदांत में मायावाद का विशिस्त तथा महतव्पूर्ण स्थान है |
माया को यहाँ तार्किक कुंजी कहा गया है |माया ईश्वर की शक्ति है जिसके द्वारा ईश्वर इस जगत की रचना करता है
Similar questions