मायक्रोमीटरचे प्रकार कोणते ?
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सूक्ष्ममापी (Micrometer) वह यंत्र है जिसका उपयोग सूक्ष्मकोण एवं विस्तार मापने के लिए इंजीनियरों, खगोलज्ञों एवं यांत्रिक विज्ञानियों द्वारा किया जाता है। यांत्रिकी में सूक्ष्ममापी कैलिपर या गेज (gauge) के रूप में रहता है और इससे एक इंच के १०-४ तक की यथार्थ माप ज्ञात कर सकते हैं। प्राय: यह युक्ति सूक्ष्म कोणीय दूरियों को मापने के लिए दूरदर्शी में तथा सूक्ष्म विस्तार मापने के लिए सूक्ष्मदर्शी में लगी रहती है। यार्कशायर के विलियम गैसकायन (William Gascoigne) ने १६३९ ई. में सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार किया। गैसकायन ने फोकस तल में दो संकेतक (pointer) इस तरह रखे की उनके किनारे एक-दूसरे के समांतर रहें। एक पेंच की सहायता से संकेतक पेंच के समांतर विपरीत दिशाओं में गति कर सकते थे। पेंच के एक सिरे पर सूचक (index) लगा था, जो १४ भाग में बँटे डायस के परिक्रमण के अंश का पाठ्यांक ले सकता था। औजूत (Auzout) और पीकार (Picard) द्वारा १६०० ई. में सूक्ष्ममापी में सुधार किए गए। इन लोगों ने संकेतक के स्थान पर रजत तार या रेशम का धागा प्रयुक्त किया। इनमें से एक स्थिर और दूसरा पेंच की सहायता से गतिशील रहता था। अधिक शुद्ध माप प्राप्त करने के लिए १७७५ ई. में फोंटाना (Fontana) ने उपर्युक्त तार या धाके के स्थान पर मकड़ी का जाल (Spider web) प्रयुक्त करने का सुझाव दिया। सन् १८०० में ट्रुटन (Troughton) ने उपर्युक्त सुझाव को व्यवहृत किया।