Art, asked by Helleader, 7 months ago

मचा (जन्तुशाला, सिंह मयूरः, वानराः, खगः जलचरा, हंसः कुर्दन्ति, गर्जन्ति. वृक्षस्य शाखायाम, मल्लूकः, मानवः)p​

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Answered by subhransusahoo94
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Answer:

आज 'मयूरान्योक्ति ' का उदाहारण प्रस्तुत हैं जिस में एक मयूर

(मोर पक्षी) को एक उपमान के रूप में प्रस्तुत किया गया है :-

यत्नादपि कः पश्यति शिखिनामाहार निर्गमस्थानम् |

यदि जलदनिनदमुदितास्त एव मूढा न नृत्येयुः || - शार्ङ्गधर

भावार्थ - अनेक प्रयत्न करने पर भी कोई एक मयूर (मोर) पक्षी के मल

निष्काषन स्थान (गुदा द्वार) को तब तक नहीं देख सकता है जब तक कि

आकाश में बादलों के गरजने से प्रमुदित हो कर वह् मूर्ख पक्षी स्वयं नृत्य नहीं

करने लगता है |

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