India Languages, asked by harmanmehla8917, 1 year ago

Madhur vachan hai aushadhi katu vachan hai teer

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Answered by rakhister80
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मधुर वचन है औषधीय कटु वचन है तीर

जहाँ कोयल मीठी वाणी से सबके मन को अपनी ओर आकर्षित करती है , वहीं कौए की काँव - काँव किसी को अच्छी नहीं लगती । वाणी का प्रभाव अत्यंत व्यापक होता है । मधुर वचन बोलने वाले और सुनने वाले , दोनों को ही आनंद पहुंचाते हैं । इसीलिए तुलसीदास जी ने कहा भी है- तुलसी मीठे वचन ते सुख उपजत चहुँ ओर । मनुष्य मीठे वचनों से दूसरों के हृदय को जीत लेता है । वह शत्रु को भी मित्र बनाने की सामर्थ्य रखता है , जबकि कटुभाषी से सब दूर भागते हैं । उसके वचन तो दूसरों के हृदय को तीर की तरह छेदते हैं । इसीलिए कबीरदास जी ने समझाते हुए कहा भी है

ऐसी बानी बोलिए , मन का आपा खोय ।

औरन को सीतल करे , आपहुँ सीतल होय ।।

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