Madhur vachan te jatt mit dohe meaning in hindi
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मधुर वचन ते जात मिट, उत्तम जन अभिमान ।
तनिक सीत जल सों मिटै, जैसे दूध उफान ।।
इस दोहे में कवि वृन्द कहते हैं कि जिस प्रकार थोड़ा सा ठंडा पानी उबलते हुए दूध के उफान को शांत कर देता है उसी प्रकार मीठे बोल बड़े-बड़े लोगों के घमंड को नष्ट कर देते हैं और उनके गुस्से को शांत कर देते हैं।
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मधुर वचन ते जात मिट,उत्तम जन अभिमान |
तनिक सीत जल सों मिटे,जैसे दूध उफान ||
कवि का कथन बिल्कुल साफ़ है। वह कह रहे है कि जिस तरह खौलते हुए दूध का उफान केवल ठंडा जल डालने से ही शांत हो जाता है, ठीक उसी प्रकार मीठे वचनों से बड़े-बड़े लोगों का क्रोध शांत हो जाता है।
इससे हमें यह सीख लेनी चाहिए कि हमें सदैव मीठी बोली बोलनी चाहिए । हमारी बोली में ऐसी ताकत होनी चाहिए जिसे सुनकर सामने वाले कि बोली शांत हो जाए।
तीखी मिर्ची से लहलहाते जीभ को चीनी से ठीक करते हैं।
हमें अपनी वाणी को वैसा ही बनाना चाहिए।
तनिक सीत जल सों मिटे,जैसे दूध उफान ||
कवि का कथन बिल्कुल साफ़ है। वह कह रहे है कि जिस तरह खौलते हुए दूध का उफान केवल ठंडा जल डालने से ही शांत हो जाता है, ठीक उसी प्रकार मीठे वचनों से बड़े-बड़े लोगों का क्रोध शांत हो जाता है।
इससे हमें यह सीख लेनी चाहिए कि हमें सदैव मीठी बोली बोलनी चाहिए । हमारी बोली में ऐसी ताकत होनी चाहिए जिसे सुनकर सामने वाले कि बोली शांत हो जाए।
तीखी मिर्ची से लहलहाते जीभ को चीनी से ठीक करते हैं।
हमें अपनी वाणी को वैसा ही बनाना चाहिए।
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