India Languages, asked by mohitrajput35441, 1 month ago

मघो े __________________प्रवह नीरम fill in the blanks​

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Answered by Anonymous
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Answer:

महाशय दयानाथ को जब रमा के नौकर हो जाने का हाल मालूम हुआ, तो बहुत खुश हुए। विवाह होते ही वह इतनी जल्द चेतेगा इसकी उन्हें आशा न थी। बोले-जगत तो अच्छी है। ईमानदारी से काम करोगे, तो किसी अच्छे पद पर पहुँच जाओगे। मेरा यही उपदेश है। कि पराए पैसे को हराम समझना।

सप्रसंग ये गद्यांश मुशी प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास 'गबन' से उद्धृत किया गया है। इस प्रसंग में उस समय का वर्णन है जब कहानी के मुख्य पात्र रमानाथ को नौकरी मिलती है और उसके पिता महाशय दया नाथ को इसके विषय में पता चलता है।

व्याख्या: जब महाशाय मुंशी दयानाथ को जब अपने पुत्र रमानाथ को नौकरी मिल जाने का पता चला तो उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने जब अपने पुत्र की शादी जलपा से की थी तो वह बेरोजगार था। शादी के तुरंत बाद रमानाथ को नौकरी मिल जाने के कारण उन्हें बेहद खुशी हुई और उन्होंने मन ही मन सोचा शादी के बाद लड़का इतनी जल्दी संभल जाएगा, इसकी उम्मीद उन्हें नहीं थी। दयानाथ ने कचहरी में काम करते हुए भी जिंदगी भर कभी रिश्वत को हाथ नहीं लगाया था। यही बात दयानाथ अपने पुत्र रमा को समझाते हुए बोले कि ईमानदारी से काम करना और यदि ईमानदारी से काम करोगे तो शीघ्र ही तुम्हारी पदोन्नति होगी। कभी भी बेईमानी करने की कोशिश नहीं करना और किसी दूसरे के धन को हाथ भी ना लगाना।

Answered by kanikamaitysarma5937
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Answer:

प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे चीनी के रूप में ऑक्सीजन और ऊर्जा बनाने के लिए सूर्य के प्रकाश, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं।

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