महाभारत को एक गतिशील ग्रंथ के रूप में विकास का वर्णन .
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उत्तर : महाभारत एक गतिशील ग्रंथ रहा है। इसका विकास संस्कृत के पाठ के साथ ही समाप्त नहीं हो गया, बल्कि शताब्दियों से इस महाकाव्य के अनेक रूपांतरण भिन्न-भिन्न भाषाओं में लिखे जाते रहे। ये सब उस संवाद को दर्शाते थे जो इनके लेखकों, अन्य लोगों और समुदायों के बीच हुए।
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