महाभारत की कथा कुंती से हम क्या समझते हैं
Answers
Answer:
am tmhare man ki baat kon jaan skta h bhala
अर्जुन कुंती का सबसे छोटा पुत्र था| इसके पिता का नाम पाण्डु था, लेकिन वास्तविक पिता तो इसका इंद्र था| पाण्डु रोगग्रस्त था और पुत्र पैदा करने की उसमें सामर्थ्य नहीं थी| इसी कारण उसने कुंती को अन्य पुरुषों के साथ रमण करने की आज्ञा दे दी थी, जिससे पुत्रों के द्वारा आगे वंश परंपरा तो चले| उस काल में इस प्रकार के यौन-संबंध किसी प्रकार दूषित नहीं समझते जाते थे, क्योंकि उनके पीछे उद्देश्य पवित्र रहता था| इस प्रकार पांडु की आज्ञा से कुंती को इंद्र से अर्जुन, धर्म से युधिष्ठिर, पवन से भीम और माद्री को अश्विनी कुमारों से नकुल और सहदेव पुत्र रूप में प्राप्त हुए| अर्जुन इंद्र के समान ही प्रतापी और पराक्रमी था| पांडवों में सबसे अधिक युद्ध कुशल और वीर वही था| महाभारत युद्ध में इस पक्ष का सबसे बड़ा महारथी वही था, जिसने कौरवों के परम वीरों से टक्कर ली और अंत में सबको पराजित कर दिया| इंद्र ने पिता होने के नाते समय-समय पर अर्जुन की सहायता की थी| गुरु द्रोणाचार्य ने इसको धनुर्वेद की शिक्षा दी थी| उस समय पाठशाला में कौरव-पांडव सभी मिलकर अस्त्र-शस्त्र विद्या सीखते थे|