महाभारत की कथा लिखिए।
धन्यवाद।
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एक बार की बात है, द्रोणाचार्य को कौरव दुर्योधन मैं हमेशा अर्जुन का पक्ष लेने का प्रश्न उठाया। तब द्रोणाचार्य ने दुर्योधन के प्रश्न का जवाब देने के लिए सबसे एक परीक्षा लिया। द्रोणाचार्य ने एक लकड़ी की चिड़िया को एक पेड़ की डाली पर रख दिया।
सबसे पहले द्रोणाचार्य ने जेष्ठ भाई युधिष्ठिर से प्रश्न किया – युधिष्ठिर तुम्हें पेड़ पर क्या दिखाई दे रहा है? युधिष्ठिर ने उत्तर दिया – गुरु जी मुझे पेड़ पर वह लकड़ी की चिड़िया, टहनियां, पत्ते और कुछ अन्य चिड़िया दिख रहे हैं।
तभी द्रोणाचार्य जी ने युधिष्ठिर को निशाना लगाने के लिए मना कर दिया। इसी प्रकार द्रोणाचार्य जी ने एक-एक करके सबसे एक ही प्रश्न पूछा कि उन्हें पेड़ पर क्या दिखाई दे रहा है? परंतु किसी को फिर नजर आता तो किसी को डाली नजर आती या फिर किसी को पास में दूसरा पेड़।
जब द्रोणाचार्य मैं अर्जुन से प्रश्न किया – अर्जुन तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है? तभी अर्जुन ने उत्तर दिया गुरु जी मुझे तो बस चिड़िया की आंख दिखाई दे रही है, सिर्फ आंख। गुरुजी खुश हुए और उन्होंने अर्जुन को तीर चलाने के लिए कहा। अर्जुन ने धनुष से निशाना साधा और तीर छोड़ दिया। तीर सीधा जा कर उस लकड़ी की चिड़िया की आंख में जाकर लगी।
2. एकलव्य की गुरु दक्षिणा कहानी Eklavya’s Guru Dakshina Story in Hindi
एकलव्य एक आदिवासि बालक था जो गुरु द्रोणाचार्य से तीरंदाजी सीखना चाहता था। परन्तु एकलव्य छोटी जाती होने के कारन गुरु द्रोणाचार्य ने तीरंदाजी सिखाने से मना कर दिया। परन्तु एकलव्य किसी भी प्रकार से तीरंदाजी सीखना चाहता था इसलिए उसने द्रोणाचार्य की प्रेरणा के रूप में एक मिटटी की मूर्ति स्थापित की और दूर से गुरु द्रोणाचार्य को देख कर तीरंदाजी सिखने लगा।
बाद में एकलव्य, अर्जुन से भी बेहतरीन तीरंदाज बन गए। जब गुरु द्रोणाचार्य को इसके विषय में पता चला तो उन्होंने गुरु दक्षिणा के रूप में एकलव्य का अंगूठा काटने को कहा। एकलव्य इतना महान था की यह जानते हुए भी की अंगूठा काटने पर वह जीवन में और धनुष का उपयोग नहीं कर पायगा उसने अपने अंगूठे को गुरु दक्षिणा के रूप में काट दिया।
3. द्रौपदी विवाह की कहानी Story of Draupadi Marriage in Hindi
द्रुपद अपनी बेटी द्रोपदी का विवाह अर्जुन से करवाना चाहते थे परंतु जब उन्हें पता चला की वारणावत में पांचों पांडवों की मृत्यु हो गई है तो उन्होंने द्रोपदी को दूसरे पति का चुनाव करने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया।
प्रतियोगिता में एक कुएं में एक मछली को छोड़ दिया गया था और प्रतियोगिता के अनुसार एक दूसरे प्रतिबिंब में उस मछली को देख कर निशाना लगाना था। प्रतियोगिता में बहुत बड़े-बड़े राजा महाराज आए थे परंतु सभी इस कार्य में असफल रहे। जब कर्ण ने कोशिश करना चाहा तो द्रोपदी ने कोशिश करने से पहले ही से कर्ण से विवाह करने से इंकार कर दिया और कहां मैं एक सारथी के पुत्र से विवाह नहीं करूंगी।
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