Hindi, asked by Anonymous, 5 months ago

महाभारत की कथा लिखिए।
धन्यवाद।​

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Answered by ramesh015
4

Answer:

एक बार की बात है, द्रोणाचार्य को कौरव दुर्योधन मैं हमेशा अर्जुन का पक्ष लेने का प्रश्न उठाया। तब द्रोणाचार्य ने दुर्योधन के प्रश्न का जवाब देने के लिए सबसे एक परीक्षा लिया। द्रोणाचार्य ने एक लकड़ी की चिड़िया को एक पेड़ की डाली पर रख दिया।

सबसे पहले द्रोणाचार्य ने जेष्ठ भाई युधिष्ठिर से प्रश्न किया – युधिष्ठिर तुम्हें पेड़ पर क्या दिखाई दे रहा है? युधिष्ठिर ने उत्तर दिया – गुरु जी मुझे पेड़ पर वह लकड़ी की चिड़िया, टहनियां, पत्ते और कुछ अन्य चिड़िया दिख रहे हैं।

तभी द्रोणाचार्य जी ने युधिष्ठिर को निशाना लगाने के लिए मना कर दिया। इसी प्रकार द्रोणाचार्य जी ने एक-एक करके सबसे एक ही प्रश्न पूछा कि उन्हें पेड़ पर क्या दिखाई दे रहा है? परंतु किसी को फिर नजर आता तो किसी को डाली नजर आती या फिर किसी को पास में दूसरा पेड़।

जब द्रोणाचार्य मैं अर्जुन से प्रश्न किया – अर्जुन तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है? तभी अर्जुन ने उत्तर दिया गुरु जी मुझे तो बस चिड़िया की आंख दिखाई दे रही है, सिर्फ आंख। गुरुजी खुश हुए और उन्होंने अर्जुन को तीर चलाने के लिए कहा। अर्जुन ने धनुष से निशाना साधा और तीर छोड़ दिया। तीर सीधा जा कर उस लकड़ी की चिड़िया की आंख में जाकर लगी।

2. एकलव्य की गुरु दक्षिणा कहानी Eklavya’s Guru Dakshina Story in Hindi

एकलव्य एक आदिवासि बालक था जो गुरु द्रोणाचार्य से तीरंदाजी सीखना चाहता था। परन्तु एकलव्य छोटी जाती होने के कारन गुरु द्रोणाचार्य ने तीरंदाजी सिखाने से मना कर दिया। परन्तु एकलव्य किसी भी प्रकार से तीरंदाजी सीखना चाहता था इसलिए उसने द्रोणाचार्य की प्रेरणा के रूप में एक मिटटी की मूर्ति स्थापित की और दूर से गुरु द्रोणाचार्य को देख कर तीरंदाजी सिखने लगा।

बाद में एकलव्य, अर्जुन से भी बेहतरीन तीरंदाज बन गए। जब गुरु द्रोणाचार्य को इसके विषय में पता चला तो उन्होंने गुरु दक्षिणा के रूप में एकलव्य का अंगूठा काटने को कहा। एकलव्य इतना महान था की यह जानते हुए भी की अंगूठा काटने पर वह जीवन में और धनुष का उपयोग नहीं कर पायगा उसने अपने अंगूठे को गुरु दक्षिणा के रूप में काट दिया।

3. द्रौपदी विवाह की कहानी Story of Draupadi Marriage in Hindi

द्रुपद अपनी बेटी द्रोपदी का विवाह अर्जुन से करवाना चाहते थे परंतु जब उन्हें पता चला की वारणावत में पांचों पांडवों की मृत्यु हो गई है तो उन्होंने द्रोपदी को दूसरे पति का चुनाव करने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया।

प्रतियोगिता में एक कुएं में एक मछली को छोड़ दिया गया था और प्रतियोगिता के अनुसार एक दूसरे प्रतिबिंब में उस मछली को देख कर निशाना लगाना था। प्रतियोगिता में बहुत बड़े-बड़े राजा महाराज आए थे परंतु सभी इस कार्य में असफल रहे। जब कर्ण ने कोशिश करना चाहा तो द्रोपदी ने कोशिश करने से पहले ही से कर्ण से विवाह करने से इंकार कर दिया और कहां मैं एक सारथी के पुत्र से विवाह नहीं करूंगी।

प्रमोटेड कंटेंटMgid

Answered by Anonymous
99

hello

question⤵️

महाभारत की कथा लिखिए।

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परंपरागत रूप से, महाभारत की रचना का श्रेय वेदव्यास को दिया जाता है। ... महाभारत के अनुसार, कथा को 24,000 श्लोकों के एक छोटे संस्करण से विस्तारित किया जाता है, जिसे केवल भारत कहा जाता है। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है।

more.to.know.⤵

महाभारत की कथा महर्षि पराशर की कथा महर्षि परामर्श के कीर्तिमान पुत्र वेदव्यास की देन है व्यास जी ने यह यह कथा सबसे पहले अपने पुत्र सुखदेव को कंठस्थ कर आई थी बाद में अपने दूसरे शिष्यों को मानव जाति में महाभारत की कथा का प्रचार में आर्थिक व स्वयं के द्वारा हुआ वह पायल व्यास जी के प्रमुख शिष्य थे ऐसा माना जाता है कि महाराजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने एक बड़ा यज्ञ किया इस महायज्ञ में सुप्रसिद्ध पौराणिक सूत जी भी मौजूद थे सूत जी ने उन समस्त विषयों की एक सभा बुलाई महासभा के अध्यक्ष हुए.

पांडु ने कई वर्षों तक राज किया उनकी दो रानियां थी कुंती और माधुरी कुछ समय राज्य करने के बाद पांडू अपने किसी अपराध के प्रसिद्ध के लिए तपस्या करने जंगल में गए उनकी दोनों रानियां भी उनके साथ ही गईपांडु ने कई वर्षों तक राज किया उनकी दो रानियां थी कुंती और माधुरी कुछ समय राज्य करने के बाद पांडू अपने किसी अपराध के प्रसिद्ध के लिए तपस्या करने जंगल में गए उनकी दोनों रानियां भी उनके साथ ही गई पांडवों को जन्म दिया कुछ समय बाद पांडु की मृत्यु हो गई 500 अनाथ बच्चों का वन केपांडु ने कई वर्षों तक राज किया उनकी दो रानियां थी कुंती और माधुरी कुछ समय राज्य करने के बाद पांडू अपने किसी अपराध के प्रसिद्ध के लिए तपस्या करने जंगल में गए उनकी दोनों रानियां भी उनके साथ ही गई पांडवों को जन्म दिया कुछ समय बाद पांडु की मृत्यु हो गई 500 अनाथ बच्चों का वन के ऋषि मुनियों ने पालन किया और पढ़ाया जब युधिष्ठिर 16 वर्ष के हुए चोरों ने पांचों कुमारों को हस्तिनापुर ले जाकर पितामह भीष्म को सौंप दिया दिन पर दिन करोपांडु ने कई वर्षों तक राज किया उनकी दो रानियां थी कुंती और माधुरी कुछ समय राज्य करने के बाद पांडू अपने किसी अपराध के प्रसिद्ध के लिए तपस्या करने जंगल में गए उनकी दोनों रानियां भी उनके साथ ही गई पांडवों को जन्म दिया कुछ समय बाद पांडु की मृत्यु हो गई 500 अनाथ बच्चों का वन के ऋषि मुनियों ने पालन किया और पढ़ाया जब युधिष्ठिर 16 वर्ष के हुए चोरों ने पांचों कुमारों को हस्तिनापुर ले जाकर पितामह भीष्म को सौंप दिया दिन पर दिन कौरवों और पांडवों के प्रति भेदभाव बढ़ता गया अंत में पितामह भीष्म ने दोनों को किसी तरह समझाया उन के बीच संधि कराई के आदेशानुसार क्रूर आज के दोहे किए गए इस प्रकारपांडु ने कई वर्षों तक राज किया उनकी दो रानियां थी कुंती और माधुरी कुछ समय राज्य करने के बाद पांडू अपने किसी अपराध के प्रसिद्ध के लिए तपस्या करने जंगल में गए उनकी दोनों रानियां भी उनके साथ ही गई पांडवों को जन्म दिया कुछ समय बाद पांडु की मृत्यु हो गई 500 अनाथ बच्चों का वन के ऋषि मुनियों ने पालन किया और पढ़ाया जब युधिष्ठिर 16 वर्ष के हुए चोरों ने पांचों कुमारों को हस्तिनापुर ले जाकर पितामह भीष्म को सौंप दिया दिन पर दिन कौरवों और पांडवों के प्रति भेदभाव बढ़ता गया अंत में पितामह भीष्म ने दोनों को किसी तरह समझाया उन के बीच संधि कराई के आदेशानुसार क्रूर आज के दोहे किए गए इस प्रकाश कुछ दिन शांति रही उन दिनों राजा लोगों में 64 खेलने का रिवाज था राज्य तक बाजिया लगा दी जाती थी एक बार को कौरवों और पांडवों में चौपड़ खेला कुटी शकुनि ने युधिष्ठिर को हरा दिया पांडवों को राज खिल गया और उन को 13 वर्ष का वनवास भोगना पड़ा और 1 वर्ष का अज्ञातवास भी इसके बाद उनका राज उन्हें लौटा दिया जाएगा जो पथरी के साथ पांचो पांडव 12 वर्ष वनवास और 1 वर्षइसके बाद उनका राज उन्हें लौटा दिया जाएगा जो पथरी के साथ पांचो पांडव 12 वर्ष वनवास और 1 वर्ष अज्ञातवास बिताकर वापस लौटे और दुर्योधन में दुर्योधन ने लिया हुआ राज वापस ना किया उसके बाद युद्ध हुआ युद्ध में सारे करो मारेगा पांडे उस विशाल सम्राट के स्वामी हुए 36 वर्ष तक पांडवों ने राष्ट्रीय फिर अपने पोते प्रशिक्षित को राज्य दे कर दो पति के साथ तपस्या करने हिमालय चले गए संक्षेप में यही महाभारत की कथा है.

hope.its.helps.you.

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