महाभारत का समालोचनात्मक संस्करण का वर्णन करें वर्णन करें
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यह काम सन् 1919 में शु डिग्री हुआ और पहले पर्वन - आदिपर्वन का प्रकाशन 1933 में हुआ। आदिपर्वन के इस संस्करण को तैयार करने के लिए कई लिपियों में लिखी गई 237 प्रतियों को देखा गया और इनमें से 10 प्रतियों को सबसे अधिक वरीयता दी गई। 18 पर्वों की समालोचना का काम सन् 1966 में सम्पन्न हुआ। 22 सितंबर 1966 को इसकी औपचारिक घोषणा तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन ने एक विशेष समारोह में की। समालोचनात्मक संस्करण में कुल 19 जिल्द या 13000 पन्ने थे। इनमें मुख्य रुप से महाभारत के प्रचलित सभी श्लोकों को समाविष्ट करके पाठभेदों का विश्लेषण किया गया था।
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