महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परंपरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए बताओ कि तुम्हारे अनुसार किसे राजा बनाया जाना चाहिए था-युधिष्ठिर या दुर्योधन को? अपने उत्तर का कारण बताओ।
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पांडु भरत वंश के राजा थे। उनकी मृत्यु के पश्चात् युधिष्ठिर को राजा बनना चाहिए था परन्तु युधिष्ठिर की आयु कम होने के कारण उनके बड़े होने तक राज्य की ज़िम्मेदारी धृतराष्ट्र को दी गई थी। युधिष्ठिर के बड़े होने के पश्चात् न्यायोचित तो यही था कि युधिष्ठिर को उनका कार्य-भार सौंप दिया जाता। अत: भरत वंश की परंपरा के अनुसार राज्य पद के अधिकारी युधिष्ठिर ही थे।
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Hello Mate ...!!!
महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परंपरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए बताओ कि तुम्हारे अनुसार किसे राजा बनाया जाना चाहिए था-युधिष्ठिर या दुर्योधन को? अपने उत्तर का कारण बताओ।
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उत्तर:-
युधिष्ठिर को ,
महाराज युधिष्ठिर धैर्य, क्षमा, सत्यवादिता आदि दिव्य गुणों के केन्द्र थे| धर्म के अंश से उत्पन्न होने के कारण ये धर्म के गूढ़ तत्त्वों के व्यावहारिक व्याख्याता तथा भगवान् श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे|
बचपन में ही इनके पिता महात्मा पाण्डु स्वर्गवासी हो गये, तभी से ये धृतराष्ट्र को अपने पिता के समान मानकर उनकी प्रत्येक आज्ञा का पालन करते थे| अपने सदाचार और विचारशीलता के कारण युधिष्ठिर बचपन में ही लोकप्रिय हो गये और प्रजा इन्हें अपने भावी राजा के रूप में देखने लगी|
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