History, asked by patial000000, 5 months ago

*महाजनपद से क्या अभिप्राय है?*

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Answered by alikhan921087
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Answer:

महाजनपद, प्राचीन भारत में राज्य या प्रशासनिक इकाईयों को कहते थे। उत्तर वैदिक काल में कुछ जनपदों का उल्लेख मिलता है। बौद्ध ग्रंथों में इनका कई बार उल्लेख हुआ है।

Answered by shishir303
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महाजनपद प्राचीन भारतीय इतिहास के एक प्रमुख भाग थे। ईसा से छः शताब्दी पूर्व महाजनपदों के अस्तित्व का वर्णन मिलता है। महाजनपद उन भूभाग को कहा जाता था, जो विशेष जातीय आधार पर और प्रशासनिक दृष्टि से अलग अलग क्षेत्रों में विभाजित कर दिए गए थे। प्राप्त ग्रंथों के आधार पर लगभग 16 महाजनपद पाए गए हैं, उनकी विशेषताएं इस प्रकार थीं...

  • महाजनपदों का समाज बहुत अधिक पिछड़ा हुआ नहीं था। वहां पर प्रेम विवाह और गंधर्व जैसे विवाह को सामाजिक मान्यता प्राप्त थी।
  • इन जनपदों में कार्यों के आधार पर जाति प्रथा निश्चित की गई थी।
  • इन महाजनपदों में राजतंत्रीय शासन व्यवस्था प्रचलित थी।
  • जनपदों में नगरीकरण का भी अस्तित्व था।
  • राज्यों में आए के आधार पर कर आदि का निर्धारण भी होता था।
  • राज्य की जनता और राजा धर्म ग्रंथों में बनाए गए नियमों के अनुसार चलते थे।
  • इन महाजनपदों में गांव प्रशासन की सबसे छोटी इकाई होती थी और उसके ऊपर खटीक व द्रोणमुख आते थे। उसके ऊपर नगर।
  • जनपद के पास एक स्थाई सेना होती थी और उसका काम युद्ध में भाग लेना तथा जनपदों की कानून व्यवस्था को देखना होता था।
  • महाजनपदों में लोहे व अन्य धातुओं का प्रयोग होता था।
  • कृषि के लिए उन्नत साधन भी प्रयोग किए जाते थे, अनेक तरह की व्यापारिक फसलों का उत्पादन किया जाता था। सिंचाई व्यवस्था ठीक थी।
  • महाजनपदों की शासन व्यवस्था उत्कृष्ट श्रेणी की होती थी और कर प्रणाली का प्रतिपादन भी व्यवस्थित तरीके से किया जाता था।
  • कर राज्य की आमदनी का प्रमुख स्रोत थे।

#SPJ3

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