महाकाव्य की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए
Answers
महाकाव्य की परिभाषा:-
जिसमें सर्गों का निबंधन हो वह महाकाव्य कहलाता है। महाकाव्य में देवता या सदृश क्षत्रिय, जिसमें धीरोदात्तत्वादि गुण हों, नायक होता है। कहीं एक वंश के अनेक सत्कुलीन भूप भी नायक होते हैं। शृंगार, वीर और शांत में से कोई एक रस अंगी होता है, तथा अन्य सभी रस अंग रूप होते हैं।
उदाहरण:-
महाभारत , यह पूरे विष्व का सबसे प्राचीन और सबसे बड़ा महाकाव्य है।
Answer:
संस्कृत काव्य में, आचार्य भामह ने महाकाव्य के सूत्रात्मक तत्वों को रेखांकित किया, और बाद के आचार्यों दांडी, रुद्रत और विश्वनाथ ने अपने विशिष्ट तरीकों से इसका विस्तार किया। आचार्य विश्वनाथ को इस वंश में अंतिम बताते हुए पूर्व के सभी दृष्टिकोणों का एक सिंहावलोकन प्रकाशित किया गया है।
Explanation:
महाकाव्य की परिभाषा:-
एक महाकाव्य एक ऐसा कार्य है जिसमें सर्गों का संग्रह होता है। महाकाव्य का नायक एक देवता या तुलनीय क्षत्रिय है जो धीरोदत्तत्ववादी विशेषताओं से युक्त है। एक वंश के असंख्य सतकुलिन भूप अन्यत्र भी वीर हैं। श्रृंगार, वीर और शान्त के अनुसार कोई भी रस अंगी होता है और अन्य सभी रस अंगरूप होते हैं।
उदाहरण:-
- संस्कृत के महाकाव्य
- रामायण (वाल्मीकि) नायक -राम
- महाभारत (वेद व्यास)- नायक-अर्जुन
- बुद्धचरित (अश्वघोष)-नायक-बुद्ध्
- भट्टिकाव्य (भट्टि)
- कुमारसंभव (कालिदास)
- रघुवंश (कालिदास)- नायक -राम
- कर्णभारम (भास)
- शिशुपाल वध (माघ)
- नैषधीय चरित (श्रीहर्ष)
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