'महाकवि माघ का प्रभात वर्णन' नामक निबन्ध की विशेषताएँ बताइए
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प्रसंग- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने महाकवि माघ के प्रभात वर्णन की सुन्दर व्याख्या करते हुए सूर्योदय के समय का अनुपम चित्रण किया है ।। इस समय चन्द्रमा धूमिल और निस्तेज होकर पश्चिम में अस्त हो रहा है और सूर्य सहस्रों किरणों के साथ अपनी आभा बिखेर रहा है ।
महाकवि माघ का प्रभात वर्णन - महावीर प्रसाद द्विवेदी का आलेख (आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी ने प्रस्तुत निबंध के द्वारा संस्कृत के प्रसिद्ध कवि माफ के जीवंत प्रकृति चित्रण की एक झलक प्रस्तुत करते हुए उनके प्रभात-वर्णन सम्बन्धी हृदयस्पर्शी स्थलों को अत्यन्त कुशलता से हमारे समक्ष रखा है।
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