Hindi, asked by nehal3201, 1 year ago

महिलाओं के विरुद्ध हिंसात्मक रूप पर निबन्ध | Write an essay on Violence Against Women in Hindi

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Answered by coolthakursaini36
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                                        "महिलाओं के विरुद्ध हिंसा"

भारत की सभ्यता और संस्कृति बहुत प्राचीन है। प्राचीन भारतीय परंपरा में नारी को देवी मानकर उसकी पूजा की जाती थी। महाराज मनु ने अपने ग्रंथ मनुस्मृति में कहा है कि "जहां नारियों का समान होता है वहां देवता वास करते हैं"।

लेकिन आज इस बदलते समाज में नारी को तो कुछ और ही समझ जाता है उसे मात्र एक भोग की वस्तु माना जाता है।

नारी उत्पीड़न का अर्थ है नारी को मानव चित अधिकारों से वंचित करना, उसे व्यक्ति नहीं समझना, उसकी उपेक्षा, अवहेलना तथा शोषण करना। भारतीय समाज में नारी उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा का मुख्य कारण है कि बचपन में ही हमें यह सिखाया जाता है कि यह लड़की है, यह लड़का है। महिलाओं को बचपन से ही कमजोर बना दिया जाता है, शारीरिक तौर पर और मानसिक तौर पर कि यह कार्य इन से नहीं होगा। नारी उत्पीड़न का मुख्य रूप उसका शारीरिक शोषण है।

सृष्टि को आगे बढ़ाने के लिए वंश वृद्धि के लिए पुरुष और नारी का साथ आना आवश्यक है सभी समाजों में विवाह को धार्मिक कृत्य माना गया और इसको आत्मिक मिलन की संज्ञा दी गई है। लेकिन आज पुरुषों की सिमटी मानसिकता ने नारी को केवल उपभोग की वस्तु समझा है। आज देश में बलात्कार जैसी ना जाने कितनी घटनाएं घट रही हैं। महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। आज महिला घर से बाहर जाने में कतराती है कि ना जाने उसके साथ कैसी हरकत हो जाए, आखिर इस तरह का माहौल समाज में क्यों बन गया है।

और दूसरा मुख्य कारण है घरेलू हिंसा पुरुष महिलाओं को घर में दासी बनाकर रखते हैं महिलाएं बेचारी घर का सारा काम करती हैं अगर जरा सी भी आनाकानी हुई तो उसके साथ मारपीट की जाती है। घरेलू हिंसा में ना जाने कितनी ही महिलाओं को मार दिया गया है और कितनी ऊपर ना जाने अत्याचार किए जा रहे हैं।

एक और बड़ा कारण है दहेज प्रथा हमारे समाज की विडंबना रही है कि जब लड़की का विवाह होता है, तो उसके मां-बाप उपहार स्वरूप कुछ वस्तुएं बेटी को देते हैं लेकिन आज इस परंपरा ने एक विकराल रूप ले लिया है, जिसे दहेज के रूप में जाना जाता है। लड़की वालों की तरफ से दहेज की मांग बढ़ती ही जा रही है। जिस कारण बहुत सी घटनाएं हम समाचारों के माध्यम से सुनते हैं लड़कियों को मारा जा रहा है उन्हें जिंदा जलाया जा रहा है।

नारी उत्पीड़न से मुक्ति नारी सशक्तिकरण से ही संभव है नारी को अधिकाधिक कानूनी संरक्षण मिले यह आवश्यक है, परंतु इसके साथ ही नारी को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर, भावनात्मक दृष्टि से मजबूत, वैचारिक दृष्टि से सजग एवं विवेकशील बनाना  होगा तथा उसकी शिक्षा में निरंतर बढ़ोतरी करनी होगी


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