महिलाओं पर बढ़ता अत्याचार ' संवाद in Hindi
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भारत सरकार, महिलाओं की रक्षा करने और विशेष रूप से उनके प्रति अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक उपाय किए जाने के लिए जरुरी कदमों के संबंध में समय-समय पर राज्यक सरकारों को सलाह जारी करती रही है।
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इन दिनों पर महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं में मानो उफान सा आ गया है | ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जब देश के कई कोनों से महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं की खबर न आती हों | और अत्याचार भी एक से बढ़कर एक - दरिंदगी और हैवानियत की हद पार करती हुई | बलात्कार और विशेषतः सामूहिक बलात्कार की घटनाएँ अब तो आम बनती जा रही हैं | इसमें भी बिना वयस् के बारे में सोचे हुए | जब छह वर्ष, आठ वर्ष या ग्यारह वर्ष की बच्चियों के साथ अमानुषिक बलात्कार की घटनाएँ घटती हैं तो समझ ही नहीं आता कि क्या हों गया है हम सभी को | इन मासूम बच्चियों में भला इन नर पिशाचों को कौन सा आकर्षण दिखता है या ये कैसे इन नर पिशाचों को उकसाती हैं, ये समझ से परे है | युवतियों और महिलाओं के सम्बन्ध में तो ये कहा जाता है कि ये अपने पोशाक, चाल - ढाल आदि से पुरुषों की काम वासना को भड़काती हैं अतः पुरुष कामातुर होकर बलात्कार करते हैं | पर यह तर्क तो बच्चियों के सम्बन्ध में लागू नहीं होता | खैर, पुरुष और पुरुषों के समर्थक तो अपने आप को बचने के लिए कई बातें करेंगे | अब मुख्य प्रश्न यह है कि महिलाओं का सम्मान कैसे लौटाया जाए और उन्हें कैसे सुरक्षित किया जाए ? इस सम्बन्ध में कई लोग कई तरह की बातें कर रहे हैं और सुझाव रख रहें हैं जिनमें कुछ तो व्यावहारिक है और कुछ अव्यावहारिक | एक [प्रमुख सुझाव यह है कि बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा दी जाए | कहीं नपुंसक बनाने की बात चाल रही है और कहीं सामाजिक बदलाव की बातें भी हों रही है | पार क्या ये सभी उपाय तत्काल प्रभाव से लागू हों पाएंगे ? तो अभी क्या किया जाए ! महिलाएं और उनके समर्थन में पुरुष भी धरना प्रदर्शन, अनशन - उपवास सब कर रहें हैं |