महिला सुरक्षा पर निबंध ( in Hindi )
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महिला सुरक्षा | Mahila Suraksha | Women safety
भारत के संविधान में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिए गये है| पर वर्तमान में महिला सुरक्षा एक विकराल समस्या बन चुकी है| महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नही है चाहे ग्रामीण इलाके हो या शहरी; चाहे वे शिक्षित हो या अशिक्षित| सभी किसी न किसी प्रकार का उत्पीडन सहने के लिए बाध्य है| दिल्ली का दामिनी कांड हो या जेसिका लाल केस या राजस्थान का भंवरी देवी कांड या शीना बोरा हत्याकांड- सभी इंगित करते है कि वह न घर पर सुरक्षित है न बाहर | वे छली जाती है कभी दोस्तों द्वारा, कभी रिश्तेदारों द्वारा और अपरिचितों द्वारा| प्रथमत: अगर हम कारणों का अवलोकन करें तो हम पाएंगे कि पिछले दस वर्षो में बलात्कार के अपराध बढ़े है| यौन कुंठित व्यक्तियों को इंटरनेट द्वारा उपलब्ध पोर्न फ़िल्में उकसाती है और वे नन्हीं बालिकाओं तक को अपना शिकार बना लेते है| दूसरा कारण है पाश्चात्य सभ्यता का अन्धानुकरण जिसके फलस्वरूप आजकल की युवतियों के लिए देर रात तक पुरुषों के साथ पार्टी में धूम्रपान व मदिरापान करना बहुत सहज आदत है जिसका दुष्परिणाम उन्हें भुगतना होता है| प्रगतिशील महिलाएं घर में भी बंद नहीं रह सकती अत: आवश्यकता है कुछ जरूरी कदम उठाये जाये उनकी सुरक्षा के लिए| सर्वप्रथम महिलाओं को सतर्क रहना होगा कि वे भावनाओं के वशीभूत यूँ ही किसी पर विश्वास न करे| सदा सतर्क रहे| आत्मरक्षा के गुर सीखे| घरेलू हिंसा अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के कानूनों से अवगत रहे और उनका प्रयोग करे| यदि आत्मरक्षा में अपराधी की हत्या तक कर दी जाये तो वो कानून में क्षम्य है | ऑटो या टैक्सी चालक की गतिविधि पर दृष्टि रखे और नम्बर नोट करके रखे| इस प्रकार महिलाएं किसी अन्य पर निर्भर न रहे,अपनी सुरक्षा आप करे| सरकार द्वारा बलात्कारियों की सजा संबंधी प्रावधानों में प्रभावी परिवर्तन किया जाना चाहिए|