History, asked by anusha1225, 11 months ago

महालवारी व्यवस्था में ग्राम मुखिया की क्या भूमिका था ?

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Answered by harleenrani8684
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Answer:

भारत में जातीयता, भूगोल, जलवायु और क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं के आधार पर भिन्न-भिन्न प्रकार के वस्त्र धारण किये जाते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से, पुरुष और महिला कपड़े सरल लंगोट से विकसित किया गया है, और लॉइन्क्लॉथ विस्तृत परिधान के लिए शरीर को कवर करने के लिए न केवल लेकिन यह भी उत्सव के मौकों के साथ ही अनुष्ठान और नृत्य प्रदर्शन पर दैनिक पहनने में इस्तेमाल किया। शहरी क्षेत्रों में, पश्चिमी कपड़े आम और समान रूप से सभी सामाजिक स्तर के लोगों द्वारा पहना जाता है। भारत के एक महान विविधता वीव, फाइबर, रंग और कपड़े की सामग्री के संदर्भ में भी है। रंग कोड के धर्म और रस्म संबंध पर आधारित कपड़ों में पीछा कर रहे हैं।

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Answered by harleenrani8
2

Answer:

ग्राम पंचायत की बैठक दो माह में कम से कम एक बार ग्राम पंचायत के कार्यालय में आयोजित किया जाना अनिवार्य है। इसके लिए मुखिया जब भी उचित समझे तब सूचना देकर ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित कर सकता है। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत के एक तिहाई सदस्यों के लिखित अनुरोध पर, अनुरोध प्राप्त होने की तिथि से 15 (पन्द्रह) दिनों के अन्दर विशेष बैठक आयोजित किया जाना अनिवार्य है।

ग्राम पंचायत की बैठक दो माह में कम से कम एक बार ग्राम पंचायत के कार्यालय में आयोजित किया जाना अनिवार्य है। इसके लिए मुखिया जब भी उचित समझे तब सूचना देकर ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित कर सकता है। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत के एक तिहाई सदस्यों के लिखित अनुरोध पर, अनुरोध प्राप्त होने की तिथि से 15 (पन्द्रह) दिनों के अन्दर विशेष बैठक आयोजित किया जाना अनिवार्य है।ग्राम पंचायत की सामान्य और विशेष बैठक आयोजन की नोटिस में बैठक का स्थान, तिथि समय तथा बैठक का एजेण्डा स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए। ग्राम पंचायत की बैठक के लिए कार्यावली (ऐजेण्डा) मुखिया/ उप मुखिया की सहमति से पंचायत सचिव के द्वारा बनाई जाती है। हर बैठक की कार्रवाई के विवरण को उसके लिए उपलब्ध रजिस्टर में अंकित किया जाना चाहिए और बैठक में भाग लेने वालाें का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। यह आम जनता के निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहनी चाहिए। सामान्य बैठक की सूचना बैठक के सात दिन पूर्व तथा विषेष बैठक की सूचना तीन दिन पूर्व देना अनिवार्य है। ग्राम पंचायत की बैठक की अध्यक्षता करने का दायित्व मुखिया का है। मुखिया की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता उपमुखिया द्वारा

ग्राम पंचायत की बैठक दो माह में कम से कम एक बार ग्राम पंचायत के कार्यालय में आयोजित किया जाना अनिवार्य है। इसके लिए मुखिया जब भी उचित समझे तब सूचना देकर ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित कर सकता है। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत के एक तिहाई सदस्यों के लिखित अनुरोध पर, अनुरोध प्राप्त होने की तिथि से 15 (पन्द्रह) दिनों के अन्दर विशेष बैठक आयोजित किया जाना अनिवार्य है।ग्राम पंचायत की सामान्य और विशेष बैठक आयोजन की नोटिस में बैठक का स्थान, तिथि समय तथा बैठक का एजेण्डा स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए। ग्राम पंचायत की बैठक के लिए कार्यावली (ऐजेण्डा) मुखिया/ उप मुखिया की सहमति से पंचायत सचिव के द्वारा बनाई जाती है। हर बैठक की कार्रवाई के विवरण को उसके लिए उपलब्ध रजिस्टर में अंकित किया जाना चाहिए और बैठक में भाग लेने वालाें का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। यह आम जनता के निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहनी चाहिए। सामान्य बैठक की सूचना बैठक के सात दिन पूर्व तथा विषेष बैठक की सूचना तीन दिन पूर्व देना अनिवार्य है। ग्राम पंचायत की बैठक की अध्यक्षता करने का दायित्व मुखिया का है। मुखिया की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता उपमुखिया द्वाराकिया जायेगा।

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