Hindi, asked by sairam8037, 9 months ago

महामारी की चपेट मे आए हुए परवासी मजदूरो की आरथिक तंगी का वरणन करें

Answers

Answered by helpinghand9
0

Answer:

बाहरी प्रदेशों से गांव में लौट कर आए प्रवासी मजदूर गांव में मजदूरी ना मिलने से भारी आर्थिक से जूझ रहे हैं। महंगाई में दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है। राशन कार्ड ना होने के कारण सरकार द्वारा दिए जाने वाला खाद्यान्न भी उन्हें उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

गरीबी और बेरोजगारी से परेशान होकर परिवार के साथ गांव छोड़कर राजस्थान, गुजरात, हरियाणा व अन्य प्रदेशों को बड़ी संख्या में इस क्षेत्र से ग्रामीण मजदूरी करने गए थे। उन्हें मजदूरी मिलने से अच्छी कमाई होने लगी थी। एक दिन में 800 से 1000 रुपय तक की दिहाड़ी मिलने लगी थी। इस आमदनी से रोजमर्रा के खर्चे तो आसानी से चलने लगे। साथ ही उन्होंने बचत भी करनी शुरू कर दी थी। बचत से गांव आकर अपने घरों को बनवाने तथा बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाने के सपने सजे लिए थे परंतु कोविड-19 महामारी से उपजे हालात ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। इस महामारी से उद्योग धंधे ठप हो जाने के कारण मायूस होकर तमाम तकलीफ सहते हुए प्रवासी मजदूर उदास चेहरा लिए गांव लौट आए। मुसीबतें झेलते हुए घर तो पहुंच गए लेकिन यहां मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। प्रवासी मजदूरों के घरों के चूल्हे बहुत मुश्किल से जल रहे हैं। कुछ प्रवासी मजदूरों ने तो खर्चा चलाने के लिए कर्जा ले लिया है। उनके चेहरे पर उदासी छाई हुई है। वह आस लगाए बैठे हैं कि शायद सरकार द्वारा गांव में ही कोई योजना चलाकर उन्हें मजदूरी मुहैया कराई जाए।

hope it helps you✨✨

plzz mark it brainliest ✨

Similar questions