महामंदी क्या थी? भारत पर पड़े महामंदी के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
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इतिहास में महामंदी या भीषण मन्दी के नाम से जानी जाने वाली यह घटना एक विश्वव्यापी आर्थिक मंदी थी। यह सन १९२९ के लगभग शुरू हुई और १९३९-४० तक जारी रही। विश्व के आधुनिक इतिहास में यह सबसे बड़ी और सर्वाधिक महत्व की मंदी थी। इस घटना ने पूरी दुनिया में ऐसा कहर मचाया था कि उससे उबरने में कई साल लग गए।
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"महामंदी"
इतिहास में महामंदी या भीषण मन्दी (द ग्रेट डिप्रेशन) (1929-1939) के नाम से जानी जाने वाली यह घटना एक विश्वव्यापी आर्थिक मंदी थी। यह सन 1929 के लगभग शुरू हुई और 1939-40 तक जारी रही। विश्व के आधुनिक इतिहास में यह सबसे बड़ी और सर्वाधिक महत्व की मंदी थी। इस घटना ने पूरी दुनिया में ऐसा कहर मचाया था कि उससे उबरने में कई साल लग गए। उसके बड़े व्यापक आर्थिक व राजनीतिक प्रभाव हुए।
"भारत में प्रभाव"
1929 से शुरू हुई महामंदी के वक्त भारत में ब्रिटिश राज था। पूरी दुनिया को महामंदी ने अपनी चपेट में लिया था। भारत के व्यापार पर इसका असर तुरंत देखने को मिला। इतिहासकारों का कहना है कि महामंदी ने भारत के औद्योगिक विकास की रफ्तार को बहुत धीमा कर दिया था। कई स्कॉलर्स का कहना था कि भारत में उत्पादन पर ज्यादा असर देखने को नहीं मिला था। लेकिन जूट उद्योग पर काफी असर पड़ा था। जूट की वैश्विक मांग घटने से कीमतें घट गई थीं। वैश्विक बाजार में जब कीमतें गिरने लगीं तो यहां भी दाम घटे और आयात-निर्यात घटकर करीब आधा रह गया